यह बीबीसी की हैडलाइन स्टोरी है..... अग्रेज वाकई में बड़े नमॆदिल और दयालु प्रवॆति के होते है........
अमरीका के कृषि विभाग (यूएसडीए) ने क़रीब साढ़े छह करोड़ किलो गोश्त वापस लौटाने का आदेश दिया है. देश के इतिहास में मांस की वापसी का यह सबसे बड़ा आदेश है.ह्यूमन सोसायटी ऑफ़ अमेरिका के एक वीडियो शॉट के प्रकाश में आने के बाद संयंत्र के कामकाज को रुकवा दिया गया है.
किसी अमेरिकी चैनल पर एक वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे बीमार और कमज़ोर पशुओं को संयंत्र के कर्मचारी बाँधते हैं, मारते हैं, विद्युत करंट लगाते हैं और तेज दबाव से उन पर पानी डालते हैं। संयंत्र के दो पूर्व कर्मचारियों पर शुक्रवार को पशुओं के साथ क्रूरता करने का आरोप लगाया गया जिसकी जाँच अभी जारी है
क्रप्या इस लाइन को थोड़ा तसल्ली से पढ़े....
कंपनी का कहना है कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए अब कार्रवाई कर रही है ताकि सभी कर्मचारी पशुओं के साथ दयालुता के साथ पेश आएं.(पढ़े दयालुता से मारा जाए)
साला ...जब किसी को मौत देनी ही है तो इसमें दयालुता दिखाकर कौन सा हथिनी की.....पर भाला मार देगे... उन बेजुबानों को आखिरकार मिलनी तो मौत ही है.... क्या कहते है
Monday, February 18, 2008
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7 comments:
अरे वाह,
एक रोहिल्ला बन्धु मिल गये हिन्दी ब्लाग जगत में :)
आज ही आपका ब्लाग नजर में आया और पढकर अच्छा लगा । मेरा ईमेल का पता nrohilla@rice.edu है, आप अपना पता बतायें । वैसे मेरा एक हिन्दी ब्लाग भी है, कभी समय मिले तो दर्शन दीजियेगा ।
http://antardhwani.blogspot.com
अजय जी,
आपका चिट्ठा आज चिट्ठाजगत के जरिए मिला।
कुछ वर्तनी के सुझाव, गुस्ताखी माफ़ हो तो -
नमॆदिल - नर्मदिल
प्रवॆति - प्रवृत्ति
और हाँ दयालु हत्यारों के बारे में आपकी बात से सहमति है। दरअसल दया वह करते हैं उन मानवों पर जो इन्हें कटते हुए देखते या सोचते हैं!
आलोक जी उन गलतियों से मैं भलिभांति वाकिफ़ था। लेकिन कीबोडॆ से लिख पाने में असफल था जिस कारण से यथावत प्रकाशित करना पड़ा। जैसा कि आज भी कर रहा हुं। कम्पयूटर पर हिन्दी लिखना थोड़ा कमजोरी है आपका सुझाव देने के लिये धन्यवाद..
आपके असामयिक निधन से हमारे बीच एक शुन्य पैदा हो गया है, वाकई मुझे अब भी यकीन नहीं हो रहा है कि अजय जी अब हमारे बीच नहीं है और काल के असामयिक शिकार हो गए हैं।
आप शायद ही भुलाए जा सकेंगे लेकिन जो भी हमारा थोड़ा सा साथ रहा बहुत प्रभावित करने वाला रहा। अजय रोहिल्ला जी की एक खासियत थी कि हर सामने वाले इंसान की कद्र करते थे, और सभी की बाते सुनते थे औऱ बोलते बहुत कम थे...
अजय को हम कभी नहीं भूल पाऐंगे।
ओह,कुछ भी लिखना कष्टकर है| मृत्यु पर अंतिम पोस्ट लिख कर चले जाना ....|
श्रद्धांजलि !!
अजय जी आप कही भी हो ,पर आपकी यादे हमेशा हमारे बीच बनी रहेगी
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